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कल हमने २६/११ की दूसरी बरसी मनाई I कल मुंबई पे हुए आतंकी हमले को दो साल पुरे हो गए I हमारे नेताओ ने आतंकी हमले में शहीद हुए लोगो को श्रधांजलि दे कर अपने कर्तव्य को पूरा किया I और फिरसे हम लोग अपनी रोजिंदी जिंदगी में व्यस्त हो गए I बस हम सब लोग ९/११ और २६/११ को याद कर कर न सिर्फ आतंकवादियो के होसले को मजबूत कर रहे है साथ ही साथ हम अपने आप को निर्बल बनाये जाते है I जितने भी लोगो ने शहीदी ली है उनकी शहीदी पर हम लोग पानी फेरने का कम करते है I तभी आतंकी और उनके समर्थक अलगाववादी नेताओ के होसले को और भी बुलंद कर रहे है I आज भी हम गांधीजी के अहिंसा के उसूल को मन रहे है I मुझे माफ़ करना सरे गांधीवादी विचारधरा को मानने वाले लोग I माफ़ी चाहते हु की में आदरणीय बापू के अहिंसा को विचार को नहीं मानता I क्यूंकि आजके वर्तमान में अगर हम अहिंसा को मानेगे तो हमे घर की चार दीवारियो में ही रहना पड़ेगा I क्यूंकि हमारे चारो तरफ दुश्मन है और ऐसे वैसे नहीं खूंखार खून को बेजिजक बहाने वाले चाइना, पाकिस्तान जैसे देश और उनके साथी यह आतंकी और अलगाववादी नेता I इन सब की जमात पुरे हिंदुस्तान को तबाह करने के लिए तैयार है I और इसी वजह से हम बार बार आतंकी हमले के शिकार बनते जाते है I
हमे यह नहीं भूलना चाहिए की इसराइल जो की एक छोटा सा देश है वोह आतंकवाद के सामने ऐसा असरकारक है की कोई आतंकी वह जाने से पहले १० बार सोचता है I अमेरिका ने भी ९/११ के लिए तालिबान के चलते पुरे अफ्घनिस्तान को तबाह कर दिया I मतलब साफ है इन देशो ने जैसे को तैसे की निति अपनाई I और उसमे इन्हों ने सफलता पाई है I पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहा आतंकियो को प्लेन में बिठाकर बाइज्जत रिहा किया जाता है या जेल में बिठाकर चिकन बिरयानी खिलाई जाती है I उसके पीछे ६० करोड़ सालाना खर्च किये जाते है जिन रुपये का इस्तेमाल अस्पताल या स्कूल बनाने में खर्च किया जाता I हर साल हमारे रक्षा बजेट में इसी आतंकवाद के लिए वृद्धि होती जाती है I यह वाकई में हमारी आतंकवाद के खिलाफ नकामियाबी का एक सबूत है I हमारी सरकार वाकई में आतंकवाद के खिलाफ इतनी कठोर नहीं है इसीलिए आज भी कश्मीर के अलगाववादी नेताओ के होसले बुलंद है और इसिलए हमारी राजधानी में बेठ कर भारत के खिलाफ देश द्रोह के नारे लगाते है I और उनको हमारी सरकार सुरक्षा मुहैया करवाती है I कुछ देश भक्तो ने पंजाब में जब इनकी धुलाई करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनको समर्थन देने की वजह उल्टा इन देश भक्तो को मारा I इससे इन अलगाववादी नेताओ के होसले और भी बुलंद हो गए है और फिरसे यह सब आस्तीन के साप हमारे देश के खिलाफ फिरसे हमले को तैयार हो गए है I हमारे नेता वाकई में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए उत्सुक नहीं है I वोह खुद तो जेड+ सुरक्षा में घूमते है पर जनता को ऐसे ही शहीद होने के लिए छोड़ देते है I
महाभारत में युद्ध भूमि में भगवन श्री कृष्ण ने अर्जुन से रन भूमि में कहा था की है अर्जुन यह मत सोचो की सामने तुम्हारे कौन खड़ा है I मत सोचो की उसके साथ तुम्हारा क्या रिश्ता है I यह सोचो की सामने जो खड़ा है वोह समाज और धर्म का दुश्मन है I मानवता के लिए एक खतरा है I तुम किसी इन्सान को नहीं उसके अन्दर के एक बुरे इन्सान को मार रहा है I और धर्म या फिर समाज की रक्षा के लिए की गयी हत्या नहीं कहते और ऐसे नापाक तत्वों को मारने वाले को हत्यारा नहीं वीर कहते है I हमारा भारत देश ऐसे वीरो की कहानियो से भरा पड़ा है I लेकिन अफ़सोस यह वीर सिर्फ कहानियो में जिन्दा है जब की इनकी सच्ची जरुरत आज है I आज इस आतंक के सामने लड़ने के लिए हमे इन वीरो की जरुरत है I हमारी सरकार तो सिर्फ अपनी जेबे भरने में लगे है I उन्होंने तो देश की तरफ ध्यान देना ही नहीं है I सिर्फ राजनीती के चलते एक दुसरे पर कीचड़ उछालना है I हमारे नेता हर आतंकवादी हमले की बस कड़ी निंदा करना ही जानते है I उसको जडमूल से ख़त्म करने की बात ही नहीं होती I और जो चाहता है उसकी आवाज बंद करदी जाती है I मतलब पता नहीं हम जान्बुजकर अपने आप को निर्बल बना रहे है I
अब ऐसे में बस हम जनता को ही आतंक के खिलाफ हथियार उठाने होगे I हमे ही इनका डट कर मुकाबला करना होगा I हमे ही आतंक के खिलाफ लड़ना होगा I और हर एक ऐसे अलगाववादी तत्व को सबक सिखाना होगा जो हमारे देश को तोड़ने को मजबूर करता है I हमे ही अपने आप में एक सैनिक बनना होगा I तभी जाके आतंकियो में खौफ पैदा होगा I क्यूंकि आतंक सिर्फ आतंक की भाषा ही समजता है I उसको इंसानियत की भाषा समाज नहीं आती I आतंकी का न मजहब होता है न दिल वो सिर्फ इंसानियत को तबाह करने में मानता है I हमारी सरकार और उसके नेताओ ने तो अपने हथियार बड़ी निर्लज्जता से उनके सामने डाल दिए है I इसीलिए होसले बुलंद है I ऐसा नहीं हम सक्षम नहीं है हम जन बुज कर अपने आपको निर्बल बनाते जाते है I
अंत में कुछ पंक्तिया हामरी देश भक्त जनता के नाम की ,
“रंग केसरी तिरंगे में पहचान है शहीदी का,
प्रतिक है वोह लहू का उन वीर नौजुवानो का I
आज़ादी के लिए निर्भय हो कर उठाये थे सर जिन्होंने,
उन पर कलंक समान है यह आतंकवादी हमले I
जन त्रसत है मन त्रसत है त्रसत है संसार,
फिर भी चुप बेठे है जन जन के यह सरकार I
आतंकी बेख़ौफ़ है बेख़ौफ़ है उनके समर्थक,
देश के लिए जान देने को तैयार है आज उसके रक्षक I
शासक को कोई फिकर नहीं न है उसको कोई चिंता,
आतंक के सामने निर्लज्जता से त्याग दिए है उसने हथियार I
जागो देश की जनता तुम बनो तुम खुदके रक्षक,
हथियार उठाओ तुम देश रक्षा को बनाओ खुदको शक्षम I
याद करो शहीदी उनकी करो याद अपना इतिहास,
मत करो शर्मिंदा उनको जो लूटा गए है जी जान I
इस भारत माँ के लिए जिन्होंने बहाया अपना खून,
खाओ उस खून की कसम को न करेगे उसको शर्मिंदा हम I
वक़्त आया है हमे अपनी देशभक्ति दिखने का,
दूर करने को इन गद्दारों को अपने आपको तैयार करने का I
डरने की इनसे जरुरत नहीं कायर है इन में होसला नहीं,
शूरवीर की तरह सामने से वार करने की इनकी हिम्मत नहीं I
हम को ढूँढना होगा इनको छुपे बेठे है वोह हमारे बिच,
देश की रक्षा के लिए हमे रहना होगा तैयार हर दम I
आओ जगाये हम अपने में देश भक्ति की ऐसी ज्वाला,
खत्म करे आतंक के इस भस्मासुर को करे मुक्त संसार सारा I ”
आओ हम सब मिलके यह कसम खाए की हम इस आतंकवाद को जड़मूल से ख़तम करने के लिए एक हो और इन गद्दारों को मर भगाए I शासक हो न हो हमे इसके लिए तैयार होना होगा I
जय हिंद,
गौरव पाठक
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