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पिछले कुछ दिनों से पूरा देश राष्ट्र मंडल खेल और अयोध्या के मामले के पीछे लगा हुआ था I हर जगह बस दोनों ही खबरे राष्ट्र मंडल खेल और अयोध्या यही सुर्खियों में थे I इन बीच तकरीबन पिछले ही महीने में पेट्रोल और डीज़ल इन दोनों के दामो में तकरीबन प्रति लीटर क्रमश ३ और ४ रुपये बढ़ गए लेकिन किसी को पता नहीं चला I इस बढ़ोतरी के चलते खाने पिने की चीजो के दाम एक बार फिर से बढ़ गए I इसके चलते महंगाई सूचकांक एक बार फिर से १६% के ऊपर चढ़ गया I मतलब एक बार फिर से आम आदमी की जेब कटी I लेकिन राष्ट्र मंडल खेलो और अयोध्या के मुद्दे के चलते इसकी चर्चा नहीं हो पाई I सरकार के माथे से एक चिंता कम हुई जो इस महंगाई के बारे में किसी को पता नहीं लगा I
लेकिन अब तो हद ही हो गयी है I लगातार बढ़ रहे पट्रोल-डीज़ल दम के चलते आम आदमी का जीवन दुर्भर हो गया है I हर महीने का बजेट भी अब तो अस्तव्यस्त हो गया है I आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैयाह ऐसी हालत हो गयी है I लगातार बढ़ रहे व्याजदर के चलते अब तो कर्ज भी लेना महंगा हो गया है I ऊपर से सरकारी बाबुओ और नेताओ के वेतन में हुई वृद्धि के चलते आम आदमी की जेब और भी तंग होने वाली है I क्यूंकि सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियो के वेतन में वृद्धि हो गयी है I लेकिन जो निजी क्षेत्र से जुड़े हुए है उनका क्या ?आज देश की आबादी के ७५% लोग निजी क्षेत्र से जुड़े हुए है I उनके लिए तो अब जीना दुर्भर है I
सवाल इस बात का है की विश्व में न तो कोई राजकीय माहौल ख़राब है न ही पिछले साल में ऐसी कोई आर्थिक मुसीबत आई है जिसके चलते खनीज तेल के दम बढे हो I न ही वैश्विक स्तर पर दम बढे हो I फिर न जाने क्यूँ हमारे देश में आये दिन दम बढ़ रहे है? मन की सरकार सबसीडी ख़तम कर रही है लेकिन अगर सरकार पट्रोल डीज़ल पर लगे कर, कस्टम को कम करे तो दम को नियंत्रित कर सकती है I लेकी सरकार की इयात होनी चाहिए I आश्चर्य की बात यह है की केंद्र में दो दो अर्थशास्त्री मौजूद होने के बावजूद भी महगाई अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है I लेकीन कोई फर्क नहीं I
हम सब लोग अयोध्या मामले में ऐसे उलझे है या हमे जन बजकर उलझाया गया है ताकि हम लोग महंगाई के मुद्दे को भूल जाये और हम कर भी वही रहे है I हाई कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उस पर हम सुप्रीम जाने की तयारी में लगे है I फैसले को चुनौती दे रहे है I लेकिन महंगाई की कोई खबर नहीं I अगर सुप्रीम जाना है तो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नहीं महंगाई के खिलाफ जाओ I सरकार के महंगाई बढ़ने का कारन पुछो I पुछो क्यूँ इतने दाम बढ़ रहे जब कोई कारन ही नहीं ? इसलिए की राष्ट्र मंडल खेलो में हुए गफ्ले को सही करने के लिए और जो सरकारी खजाना नेताओ और उनके रिश्तेदारों के घर गया उन्हें वापिस लेन की लिए I अब बहोत हुआ बस करो यह बेवजह दम बढ़ाना I आप आम आदमी के नारे पे लड़कर चुनाव जीते है और वही आम आदमी आज बेहाल है I वाकई में सरकार एक चल चली जिसमे सरे देश वासी फस गए और महंगाई अभी भी अपनी चरम सीमा पर है I
न जाने क्या होगा ऐ आम आदमी तेरा, काल के किस चक्र में घिरा हुआ है तू,
एक तरफ तेरे है दहशत गर्दो का कुआ, दूसरी तरफ है महंगाई की खायी,
हर करवट पे बेठी है मौत तेरे लिए बेहाली का माहौल छाया है इस देश में,
दहशत गर्दो की गोली से न मरा तू महंगाई के साये से मर जायेगा तू I
जीया हुआ है दुर्भर तेरा, हमदर्द मौजूद नहीं सत्ता में तेरा, राम के नाम से पत्थर तिरते थे पानी पे,
आज तेरे नाम से गलियारे सजते है सत्ता के I
अब अयोध्या के फैसले को मन कर ख़तम करो सब जगडा और मिलजुल कर करो महंगाई का मुकाबला I आओ सब मिल के जनहित के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करे और सरकार से महंगाई बढ़ने का कारन पूछे I
गौरव पाठक
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