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९/११ की बरसी पर अमेरिका में कुरान को जलाने की बात I एक दुखद घटना

HALLABOL
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अमेरिका में ९/११/२००१ के दिन आतंकियो ने हवाई हमले से दुनिया की सबसे ऊँची इमारतों को गिराया I जिसमे एक ही पल में कई लोगो ने जान गवाई और उसके बाद हुए अफघानिस्तान पे हुए हमले में कई निर्दोष नागरिको ने जान गवाई I हम यह क्यूँ भूल जाते है की जिस लादेन ने अमेरिका पर हुम्ला किया है उसी लादेन को इसी अमेरिका ने १९९० के कड़ी युद्ध के दौरान इराक को तबाह करने के लिया पैसे एवम हथियार मुहैया करवाए थे I इसी लादेन का इस्तेमाल अमेरिका ने रशिया के खिलाफ हो रहे शीत युद्ध के दौरान किया था I और जब उसका कम ख़तम हो गया तब उसी लादेन से किनारा कर लिया और अपने हाथो से ही अपने पावो पे कुल्हाड़ी मारली I और अंजाम को सरे विश्व ने देखा I

भारत भी पिछले कई सालो से पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद से जुज रहा है I और कई बार युऍन और अन्य सभी अंतराष्ट्रीय देशो से इसके बारे में कहते आया है लेकिन भारत के किसी भी नागरिक ने कुरान या किसी अन्य चीज को जलाने की बात तो दूर ऐसा सोचा भी नहीं है I मन की भारत में कोमवाद के नाम पर आये दिन दंगे होते है और एक दुसरे के धर्मस्थलो को तोड़ने या जलने की साजिश होती है लेकिन बात वह तक ख़तम हो जाती है I बाद में सब को अपनी गलती का अहेसास हो जाता है और आँखों में शर्मिंदगी के अलावा कुछ नहीं होता I इसीलिए भारत का मुसलमान वाकई में सुरक्षित है और अपने आपको खुशनसीब मानता है I आज भी भारत के कश्मीर में अलगाववादी नेता भारत के खिलाफ बयानबाजी करते है भारत के तिरंगे को जलाते है और पता होने के बावजूद की कश्मीर भारत का ही एक हिस्सा है उसपे अपनी बात जबरदस्ती से मनवाने को बेताब है I यह सिर्फ भारत में ही मुमकिन है वरना पाकिस्तान भी अपने राष्ट्रीय ध्वज को तो दूर अपने देश के प्रति कुछ बोलनेवाले को भी देशद्रोही कह कर उसे आजीवन कारावास या फंसी की सजा सुना देता है I लेकिन भारत में कभी ऐसा नहीं होता I

और जब बरी विश्व की महासत्ता की आई तो उसने पुरे इस्लाम धर्म को ही आतंकवाद का नाम दे दिया और दुनिया से उन्हें ख़तम करने की बात मन में थान ली I तभी तो उन्होंने इराक, अफघनिस्तान, और अब इरान जैसे देश में युद्ध के सहारे मानो निर्दोशो को मारने की ठानी हो बार बार युद्ध को बेताब है I अमेरिका का यही तो एक व्यवसाय है की हथियार बनाओ उसका प्रदर्शन निर्दोशो पर करो और अन्य देशो को आतंकवाद के नाम से दरकार उसे बेचकर तगड़ी कमाई करो I अमेरिका का अर्थतंत्र ही इस्पे चलता है I और हम बेवकुफो की तरह आतंकवाद से दर कर उनकी हां में हां किया जाते है और अमेरिका की कमी को बढ़ाते जाते है I

इस्लाम धर्म को आतंकवादियो के साथ इसलिए जोड़ा जाता है की आज भी इस्लाम का एक बड़ा वर्ग शिक्षा से वंचित है या जान्बुजकर उन्हें वंचित रखा गया है I जब किसी भी नौजवान के सामने उसका घर परिवार भूख और बेहाली से तड़प रहा हो तो कोई भी धर्म का नौजवान गलत रस्ते पर चलने पे मजबूर हो जाता है I यह तो हर धर्म में है I कई हिन्दू उच्च वर्ग के नौजवान दावूद इब्राहीम की गेंग में है इसका मतलब यह थोड़ी नहीं की हम सभी हिन्दू गेंगस्टर है I इसी तरह हर मुसलमान आतंकवादी नहीं है I माना कुछ लोग कट्टरपंथी होते है उसका मतलब यह नहीं की सब को ऐसा माना जाए I हर धर्म में कट्टरपंथी होते है I में खुद अपने धर्म के लिए कट्टर हु लेकिन इसका मतलब यह नहीं की सबकी जान ली जाये I निर्दोशो का खून धर्म के नाम पर बहाना इससे बड़ा राक्ष्शी कृत्य और कोई नहीं I किसी का भी खून बहाने से न राम खुश होगा, न रहीम खुश होगा न ही जिसस खुश होगा I यह सभी एक ही बात बोल कर गए है अपनाना है तो मानवता धर्म अपनाओ, आपस में प्यार से रहो I जब आम की टोकरी में एक आम ख़राब होता है तो हम उसे अच्छे आमो से अलग करके बाकि सभी आम को खाते है I इसी तरह से हर धर्म में से ऐसे कट्टर पन्थियो को अलग करके बाकि समाज को बचाया जा सकता है और किसी भी धर्म की तह तक गए बीना सिर्फ ऐसे ही समाज का दुश्मन करार देना जल्दबाजी ही नहीं बेवकूफी होगी I जिस गुजरात को दंगो के लिए जाना जाता है उसी गुजरात में इस्लाम ज्यादा सुरक्षित एवम खुश है I न केवल रोजगार लेकिन शिक्षा के मामले में भी यहाँ का मुसलमान एक हिन्दू के साथ खड़ा है I यहाँ का पुलिस ऑफिसर भी एक मुस्लमान है जो रथयात्रा और गणेशोत्सव की तयारी खुद करता है और उसे बिना किसी विघ्न के संपन करवाता है I यही बात चंद राजनीतिक पक्षों के सिने में चुभती है और आज भी पुराने मुर्दों के जरिये दुरिया बढ़ने में लगी है I लेकिन उनकी चल उनपे ही उन्धी हो रही है I

एक बात साफ़ है की किसी भी धर्म की गरीमा उसके धर्मगुरूओ द्वारा बनाये गए धर्म ग्रन्थ होते है जो किसी भी धर्म के लोगो के लिए आस्था का प्रतीक है I इसका अपमान कभी भी सहा नहीं जा सकता I चाहे वो इस्लाम का कुरान हो, हिन्दू का गीता, महाभारत या रामायण हो, शीखो की गुरुबानी हो या इसाई का बाइबल हो I हर एक धर्म की अपनी पहचान उसका धर्म ग्रन्थ है I जिसको बाइज्जत रखा जाता है I उसको जलाने की बात मतलब वाकई में एक घिनौना कृत्य है I इसको करने वाला कोई भी जन सामान्य नहीं है और न ही इन्सान कहलाने के लायक है I

सौ बात की एक बात अमेरिका ने आतंकवाद को सिर्फ एक या दो बार देखा है हिंदुस्तान पिछले कई सालो से आतंकवाद को झेल रहा है और कई बार तो आतंकवादी को रिहा भी कर दिया है या उसे अपना दामाद बनाकर जेल में सुरक्षित रखा है I लेकिन किसी हिन्दू ने चाहे वो सामान्य हो या कट्टर हो उसने कभी भी कुरान को जलाना तो दूर उसके बारे में सोचा भी नहीं है I इसके लिए देश के सभी हिन्दू भाईओ को मेरा धन्यवाद I लेकिन अमेरिका जो विश्व का सबसे बड़ा मानवाधिकार की बात करने वाला देश अपने देश में ऐसी घिनौनी बात सुन कर भी चुप है और न सिर्फ चुप लेकिन एक मूक सहमती भी दे रहा है I यह एक वाकई में निंदनीय कृत्य है I यही अमेरिका ने गुजरात के मुख्यमंत्री को यह कह कर वीसा देना मुनासिफ नहीं माना की दंगे को उन्होंने भड़काया था I वही देश आज अपने देश में कुरान जलाने जा रहा है I जो निंदनीय है I

अंत में एक बात सबसे साफ करने जा रहा हु की जो लोग अपने आप के दमन को ज्यादा साफ़ या बेदाग बताते है उनके ही दामन में ज्यादा दाग लगे होते है I अब जिसको जो सोचना है सोचले बात साफ है I

जय हिंद
गौरव पाठक

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