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क्या देश के प्रति प्रेम हम सिर्फ १५ अगस्त या २६ जनवरी को ही दिखा सकते है ?

HALLABOL
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हमे आजादी के ६३ साल होने को चंद दिन ही बाकि है I हमे आजाद करने के लिए कई लोगो ने अपने प्राणों की आहुति दी है, कई लोगो ने अपने तन मन धन से अपने देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया I कई लोगो ने अपनी सरकारी नौकरी को त्यागा था I मतलब आजादी के लिए एक सामूहिक आन्दोलन था जिसमे न कोई हिन्दू न कोई मुस्लिम न कोई सिख न कोई इसी था उसमे था तो एक सच्चा हिन्दुस्तानी I जो तन मन धन से अपने देश को विदेशी अत्याचार एवम उनके शाशन से चुदाना चाहते थे और उनकी महेनत रंग ली सन १९४७ में १५ अगस्त को I कई लोगो के प्राणों की आहुति के बाद हम एक आजाद देश के रूप में आये और एक स्वंतंत्र राष्ट्र के नागरिक बने I

पर आज अफ़सोस इस बात का है की हम लोग अब अपने पूर्वजो की इन आहुति एवम बलिदान को भूल गए है और उसी विदेशी राष्ट्रों की और अंधे होकर दौड़ लगा रहे है जिन देशो ने कभी हम पे शाशन और दमन किया था I हम सभी लोगो की आँखों पे मेरी और आपकी सबकी आँखों पे पैसो के चमक की पट्टी लगी है और इसी लालसा में हम पाने देश के प्रति कर्तव्य को भूल गए है I आज हम १५ अगस्त सुर २६ जनवरी को एक छुट्टी के रूप में देखते है और सरकारी कर्मचारी ध्वज वंदन के बाद अपने घर लौट जाते है तो अन्य खानगी कंपनिया ध्वज वंदन तो दूर उस दिन भी अपने कम को चालू रख के मुनाफा कमाने में लगी रहती है I कमाओ उसमे कोई दो राय नहीं लेकिन एक दिन तो अपने देश को समर्पित करो I वाकई में हम सब लोग इतने स्वार्थी हो गए है की देश के प्रति हमारी जैसे कोई जिम्मेदारी ही नहीं है I हम हमारे बारे में ही सोचते है और हो भी क्यूँ न क्यूंकि आज महंगाई इतनी है की अपने घर का पूरा नहीं होता तो पुरे देश के बारे में कहा से सोचेगे I लेकिन ऐसी सोच अगर हमारे उन नेताओ ने उन लोगो ने रखी होती तो आज भी हम गुलाम होते I और आज भी उन विदेशी शाशन के शिकार होते I

मेरा सिर्फ यही कहना है की देश प्रेम सिर्फ १५ अगस्त या २६ जनवरी को दिखने का नहीं लेकिन उसे हर दिन हर पल हमे हमारे दिल में रखना चाहिए I अगर कोई भी विदेशी व्यक्ति या देश हमारे देश या हमारे नागरिक के बारे में कुछ भी बुरा भला कहता है तो उसे मुह तोड़ जवाब देना चाहिए जैसे चाइना और जापान करते है I जापान तो परमाणु हथियार के वार झेल चूका है फिर भी आज वोह अमेरिका से आगे है और यह तभी संभव हुआ है क्यूंकि वह के लोगो ने एक साथ मिलकर अपने देश के लिए कुछ कर दिखने की तमन्ना को दिल में रखा और उसे हासिल करने के लिए जी तोड़ महेनत की I हम भारतीय भी किसी से कम नहीं है I हम भी महेनत करने में मानते है I हम भी शिक्षित एवम अनुशाशन में मानते है I हम भी अपने देश को आगे देखना चाहते है और हम उसके लिए महेनत कर रहे है I

लेकिन हमारे यह प्रयत्न काफी नहीं है I हमे एक संघठित होके एक साथ मिलकर प्रयत्न करने होगे I जिसमे न कोई निजी स्वार्थ न वर वैमनस्य न कोई जाट पात न अपना पराया ऐसी कोई भी भावना नहीं होगी जो एकता के माहोल को बिगड़े I एक साझा प्रयत्न एक सच्चे दिल से किया हुआ प्रयत्न एक साथ किया हुआ प्रयत्न अगर ऐसा होता है तो दुनिया की कोई भी ताकत हमे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती I जरुरत है अपने में इच्छा शक्ति जगाने की और अपने राष्ट्र के प्रति चंद समय देने की I जैसे समुन्दर को बनाने में एक एक बूंद का सहारा होता है वैसे ही राष्ट्र की प्रगति के लिए देश के हर एक नागरिक का सहयोग एवम साथ जरुरी है I अगर हम सब एक होकर एक साथ प्रयत्न करे तो मेरे देशवासियों अमेरिका भी हमारे आगे झुक जायेगा I

यह तभी संभव है जब हम १५ अगस्त या २६ जनवरी को कोई छुट्टी के तौर पर न देख कर एक ऐतिहासिक लड़ाई के तौर पर देखे और अपने राष्ट्रप्रेम को एक दिन न दिखा कर सदा हमारे दिल में जिन्दा रखे तभी हम सच्ची आजादी के मतलब को समजेगे I वरना यह दो दिन सिर्फ छुट्टी के दिन रहेगे और उन हजारो कुरबानिया ऐसे ही व्यर्थ जाएगी I

जय हिंद I
गौरव पाठक

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