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सलामत नौकरी की तलाश हकीकत कम ख्वाब ज्यादा

HALLABOL
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भारत में अभी आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है न सिर्फ भारत में लेकिन पुरे विश्व में ऐसी आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है जिससे हर कोई बेहाल है I अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपियन देशो में इस मंदी की असर देखने को मिली है जिसके कारण ग्रीस जैसे देश का अर्थतंत्र एकदम से बिगड़ गया है I दुबई भी इससे अछुता नहीं है I और इन देशो में कई लोगो ने अपनी नौकरिया खोई है क्यूंकि वहा पे कोस्ट कटिंग के नाम पे कई लोगो को नौकरी से निकाल दिया है I इसलिए जो भारतीय विदेशो में थे वोह भी अब अपने वतन वापिस आने लगे है I

भारत का अर्थतंत्र भी इससे प्रभावित हुआ है I हलाकि भारत में इसका असर कम हुआ है लेकिन अभी कंपनिया बड़े बड़े निवेश करने से बच रही है और इसी वजह से भारत में अभी रोजगार की नयी तके प्राप्त नहीं है और जो है वोह बहोत कम है मतलब यहाँ अर्थतंत्र के मुताबिक़ मांग के आगे सप्लाई कम है I कई शिक्षित बेरोजगार युवान नौकरी की तलाश में यहाँ वह चक्कर लगा रहे है और जिनके पास नौकरी है वोह भी अपने आपको सुरक्षित नहीं मान रहे है उन्हें भी यही डर सताए रहता है की नजाने कब उनकी भी यह नौकरी चली जाए I और उपर से विदेश वतन आ रहे भारतीय स्पर्धा में और बढ़ोतरी कर रहे है I इससे वाकई में भारत में हालात बहोत खराब है I भारत में सिर्फ सर्विस सेक्टर यानी की बीपीओ और केपीओ ही ऐसे क्षेत्र है जिसने पिछले सालो में ज्यादा नौकरिया लोगो को दी है I लेकिन उनकी भी कुछ समस्याए है उनको भी विदेशो से मिलने वाले नए काम में गिरावट आई है I सबसे बुरा हाल आयत निर्यात, मेन्युफेचरिंग, कपडा उद्योग जैसे उद्योगों में काफी परेशानी आई है I और कई लोगो की नौकरिया गयी है I एवम सरकारी नौकरी तो आम लोगो को मिलना ही मुश्किल है क्यूंकि उसमे किसी नेता की पहचान चाहिए या आप का कोई रिश्तेदार किसी सरकारी विभाग का कर्मचारी होना चाहिए इसलिए वोह तो एक सपना है I

वाकई में आज के हालात में एक सुरक्षित नौकरी पाना एक सपना ही है I एक तो कई उमीदो से माँ बाप हमे पढ़ते है I जिन बच्चो के माँ बाप के पास पैसे नहीं होते वोह कही से कर्ज लेकर या अपनी जरुरत को मारकर अपने लाडले या लाडली को पढ़ते है ताकि वोह एकदिन अच्छी सी जगह नौकरी कर पाए लेकिन आज के हालत में सिर्फ पढाई ख़तम होके शिक्षित बेरोजगारी ही बढ़ रही है I और माँ बाप को उसके बाद भी चिंता रहती है I तभी आज रेलवे में क्लर्क की जगह के लिए भी अनुस्नातक वाले छात्र भी अर्जी देते है जो एक वाकई में चिंता का कारण है I
एक तरफ भारत में शिक्षा में बढ़ोतरी हो रही है दूसरी तरफ रोजगारी की तको में कमी हो रही है I वाकई में अब हालात जाए तो जाए कहा I विदेशो में भी अब नौकरिया कम है अब उलटी गंगा बहने लगी है विदेशी लोग भारत आने लगे है नौकरी के लिए I दूसरा हर किसी के पास इतने पैसे नहीं है की वोह अपने खुद का व्यवसाय शुरू कर सके I और तीसरी की सरकारी दफ्तरों, बैंक एवम मंत्रालयों में आज भी बुजुर्ग बेठे है जिनकी काम करने की क्षमता कम है या आज के समय के मुताबिक नहीं है I उनको कंप्यूटर भी नहीं आता जो सिर्फ पेनसन के लिए ही काम करते जाते है I इन सबको एक साथ वीआरएस देकर नयी तके प्राप्त करवाए ताकि अन्य लोगो को भी मौका मिला I

दूसरा मैंने एक ब्लॉग यहाँ पर ही लिखा था की सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देकर रोजगारी की तके प्राप्त करवा सकते है I जिसमे की बड़े उद्योग घराने एवम खुद सरकार इसको बढ़ावा देसकते है मतलब कृषि का भी उद्योगीकरण I जिसमे मुख्या रूप से किशानो के पास से खेत को किराये पर लेकर उस किसान को आधुनिक साधन जैसे की ट्रेक्टर, हायब्रिड बीज, खातर जैसे आधुनिक साधन मुहैया करवाए ताकि वोह अच्छी सी फसल ले सके और इसके साथ ही साथ पशुपालन, फ़ूड प्रोसेसिंग,टेक्सताईल जैसे उद्योगों को भी बढ़ाया जा सकता है और नयी रोजगारी उपलब्ध करायी जा सकती है I पर अफ़सोस सरकार कृषि के प्रति उदासीन है I फ़ौज, पोलिस एवम अन्य संरक्षण क्षेत्र है जहा रोजगारी बधाई जा सकती है ई

लेकिन भारत में दिन प्रति दिन बढ़ रही शिक्षित बेरोजगारी एक घम्भीर समस्या है जिसको हल करना जरुरी है I सरकार न सिर्फ अपनी मानव कार्य शक्ति को ऐसे व्यर्थ में बर्बाद कर रही है साथ ही साथ लोगो में छुपी क्षमता भी बर्बाद हो रही है I अंत में अगर नौकरी नहीं मिलती तो यही लोग गुनाह की राह पर चलने लगते है जो आये दिन हम बैंक में चोरी, डकैती नकली हस्ताक्षर के माध्यम से किसी के धन को चुराना जैसे गुनाह में बढ़ोतरी हो रही है I जब घर के हालात खराब होने लगते है तो कोई भी ऐसा करने को मजबूर हो जाता है I में ऐसे लोगो का समर्थन नहीं कर रहा लेकिन यह बेरोजगारी भी एक कारण हो सकता है गुनाह में बढ़ोतरी के लिए I

अंत में भारत में हालात अन्य देशो की तुलना से बेहतर है लेकिन यहाँ भी रोजगार नहीं है I एक नौकरी के लिए १००० आवेदन प्राप्त होते है जो अच्छी बात नहीं है I सरकार को वाकई में इसके बारे में सोचना चाहिए I नरेगा जैसी कई और योजनाये लानी होगी I सरकारी नौकरी में आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी करना होगा उसे भी आप ऑनलाइन करे ताकि बीचौलियो एवम अन्य अधिकारी की दखाल्गिरी कम हो और सही उम्मीदवार को नौकरी मिले I भारत में शिक्षा का स्तर बढ़ा है जो अच्छी बात है पर साथ ही साथ रोजगार की तके भी बढ़नी चाहिए तभी वाकई में शिक्षा लेने का मतलब साथर्क होगा I

एक तरफ महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है दूसरी तरफ लोगो के पास नौकरी नहीं है और सरकार अभी भी उदासीन है I वाकई में भारत की स्थिति अभी बारूद जैसी है जो कभी भी गृहयुद्ध के रूप में सामने आ सकती है I समय रहते इस बेरोजगारी की समस्या को भी सुल्जा लेना चाहिए I आज वाकई में सुरक्षित नौकरी पाना एक सपना ही है I

जय हिंद

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