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कृषि के आधुनिकरण से हम बेरोजगारी की समस्या को सुलजा सकते है

HALLABOL
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भारत जिसकी आबादी १ अरब से उपर है और जहा हर एक नागरिक को रोजगार देना नामुमकिन तो नहीं लेकिन मुस्किल है I भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गाँव में बसता है और जो कृषि के माध्यम से अपनी रोजगारी चलाता है I मतलब की भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए कृषि ही एक मात्र आय का साधन है I भारत का अर्थतंत्र भी कृषि पे आधारित है जिस साल अच्छी फसल होती है भारत के अर्थतंत्र में मजबूती आ जाती है और जिस साल फसल कमजोर होती है भारत का अर्थतंत्र में गिरावट आ जाती है I

भारत के किसान पारंपरिक रूप से खेती करते है I और आज भी नयी तकनीक की जगह वही पुरानी चीजो का इस्तेमाल करते है I कई खेतो तक सिचाई की योजना नहीं पहुच पाई है जो की एक दुःख की बात है और बारिश पे ही पूरी खेती का आधार रहता है I और इसी वजह से कृषि की तरफ से लोगो ध्यान हट कर शहर की तरफ चला गया है और लोगो की कृषि के लिए रूचि कम हो गयी है I

लेकिन सोचिये अगर हम कृषि को भी कॉर्पोरेट कर दे तो I मतलब की खेतो को किराये पे लेकर उस खेत के मालिक को आधुनिक साधन जैसे की ट्रेक्टर, आधुनिक हायब्रिड बीज, पानी और आधुनिक तकनिकी प्रशिक्षण के द्वारा खेती करने से हमे मन चाहे परिणाम मिल सकते है I

इसके लिए सरकारी और भारत के वरिष्ठ उद्योगपतियों के साथ सहकर की जरुरत चाहिए I इस के लिए हमे सबसे पहले देश में वर्तमान समय में उपलब्ध खेती लायक जमीन का ब्यौरा और उनके मालिको की सूचि चाहीये जो की हमे तहसीलदार या फिर जिला अधिकारी से प्राप्त हो सकती है I इसके बाद इन सभी मालिको मतलब की उन खेत के मालिको से बात करके उनसे एक करार करना होगा जिसमे लिखा होगा की वोह अपनी मर्जी से सरकार या तो अन्य उद्योग के साथ अपनी जमीन को किराये पे देने का करार करते है I इसके बदले में उस किसान को वार्षिक रूप में किराया और आधुनिक तकनीक एवं खेती विषयक साधन मुहैया कराये जायेगे I जिसके लिए कंपनी या सर्कार इसका खर्चा उठाएगी I

सरकार या अन्य उद्योग संयुक्त या फिर अलग तरीके से इसके लिए धन प्राप्त कर सकते है I मतलब सरकार या प्राइवेट उद्योग आम कंपनी के लिए जैसे आईपीओ के जरिये फंड जुटाते है वैसे ही इसके लिए भी फंड जुटा सकते है I मतलब की वो इसके लिए एक अलग से कंपनी बना सकते है जिसका मुख्य उद्देश कृषि का विकास होगा और जिसके लिए वोह फंड आईपीओ के जरिये जुटा सकते है और जिन किसानो से जमीन किराये पे ली है उनको जैसे उपर बताया ट्रेक्टर, हायब्रिड बीज और पानी एवम किसान को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाए I

सरकार भी इसी तरह एक कंपनी को बनाकर जनता की भागीदारी से कृषि को बढ़ावा दे सकते है I

दूसरी चीज की देश में अच्छी सी कृषि विश्वविद्यालयो की कमी है और जो है वो वर्तमान समय के अनुसार कम है I इसलिए सरकार को हो सके उतनी विश्व कक्षा के अनुरूप कृषि विश्वविद्यालयो की स्थापना करनी होगी और आधुनिक प्रशिक्षित किसान को तैयार करना होगा I इतना ही नहीं अगर कृषि के साथ साथ उसके साथ जुड़े अन्य व्यवसाय जैसे की फ़ूड प्रोसेसिंग, बेकरी, कपडा उद्योग, डेरी उद्योग और पशुपालन जैसे उद्योग का भी विकास होगा जिसके लिए हमे कई लोगो मतलब की मानवीय संसाधनों की जरुरत लगेगी और जो हमे उन बेरोजगार युवाधन में से मिल जायेगी I

मतलब एक कदम से हम शुरुआत करेगे तो लोग अपने आप जुड़ते जायेगे I बस जरुरत है सरकार और उद्योगपतियों के सहकार और साथ की I

कॉर्पोरेट खेती के जरिये हमारी अनाज की समस्या भी कम हो जायेगी और लोगो के लिए रोजगारी के नए रास्ते भी खुल जायेगे I

बस एक बार इस बात पे विचार हो और कोई इसके लिए आगे आये तो सच में देश में एक नयी क्रांति आ सकती है I

जय हिंद
गौरव पाठक

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